Indra Nooyi success story and why she is so famous

Indra Nooyi

Indra Nooyi success story की शुरुवात हुई थी इनके जन्म से जब भारत आजाद हुआ ही था, सन 1955 में इनका जन्म मद्रास में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। Indra Nooyi जी के पिता एक बैंक ऑफिसर थे , वे लड़का और लड़की दोनो को एक समान मानते थे।  दोनों को आगे बढ़ाना चाहते थे, उनका मानना था कि तुम बस अच्छे ग्रेड लाते रहो और जो मर्जी हो वो करो। हमारे यहां जहां सभी आम लोग रात का खाना खाने के बाद सोने जाते हैं ,लेकिन उनके घर का एक अलग नियम था। इनकी माता श्री इन्हे सोने से पहले खुद को किसी सफल  व्यक्ति या नेता की तरह सोचने का अभ्यास कराती थी।

यह आपको भी अपने जीवन में जरूर अपनाना चाहिए। Indra Nooyi कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेती थी। साथ ही अपने कॉलेज की वूमेन क्रिकेट टीम की कैप्टन भ बनी। इससे इनके नेचर में विभिन्नता आई। अपने B.Sc कंप्लीट करने के बाद जहा साथ के सभी स्टूडेंट्स डॉक्टर या मास्टर बनने की सोच रहे थे, वही इन्होंने मैनेजमैंट करना चुना और आईआईटी कोलकाता में एडमिशन ले लिया। मैनेजमैंट कंप्लीट करने के बाद इन्होंने दो साल नोकरी भी करी , इसके साथ को इनके शादी के रिश्ते आने लगे । श्री प्रेमानन्द जी महाराज से जानिए सफलता के 9 सर्वक्षरेसठ नियम कोन लोन से हैं 

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Indra Nooyi जी का प्रथम विदेश यात्रा

शादी के रिश्तों से परेशान होकर Indra Nooyi जी ने येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट USA में अप्लाई कर दिया। और इनको वहा पर सिलेक्शन मिल गया, परंतु वहां की फीस  नहीं थी उनके पास इसलिए वहां से स्कॉलरशिप का ऑप्शन आ गया। बचपन से अब तक जो भी पैसे बचाएं थे उन पैसों से फ्लाइट की टिकट कराई और अमेरिका पहुंच गई। यूनिवर्सिटी के अंदर रिसेप्शन की जॉब की , रात में ज्यादा पैसे मिलते थे तो रात की जॉब की ओर दिन में पढ़ाई की। इनकी साड़ी पहनने के आदत से बहुत सुना भी Indra Nooyi जी ने पर अपना कल्चर अपनी संस्कृति नहीं छोड़ी। पढ़ाई खत्म होने के बाद यह पहला इंटरव्यू देने गई वहां यह साड़ी की जगह सूट पहन के चले गए जिससे ये खुद को अनकंफरटेबल महसूस करी और जवाब नहीं दे पाई। इसलिए अगले सहारे इंटरव्यू उन्होंने अपनी साड़ी में ही दिए, और सभी इंटरव्यू में पास हो गई। 

Indra Nooyi जी का Pepsico को ज्वाइन करने से CEO बनने तक का सफर

ये बात है सन 1994 की जब pepsico अपने बुरे दौर से गुजर रही थी, तब Indra Nooyi जी ने pepsico को ज्वाइन किया और इसमें ऐसे अनेक परिवर्तन किए । सबसे पहले उन्हें कंपनी को जाना की कंपनी क्या क्या प्रोडक्ट्स बनाती है । कंपनी पर कितना कर्जा है, कंपनी की ग्रोथ में रुकावट कहां से आ रही है। कंपनी के ऐसे बुरे समय में एंप्लॉय कम्पनी को छोड़कर जाने लगे, यहां तक की इनके पास भी ऑफर आया पर इन्होंने वो ऑफर ठुकरा दिया। कंपनी को समझने के बाद इन्होंने कंपनी के तीन हिस्सों में से एक हस्से को जिसमें होटल का काम आता था, इसे बेचने से आए पैसों से कंपनी का आदेश से ज्यादा कर्जा चुका दिया। इससे उनका कंपनी के कर्ज को लेकर जो टेंशन थी वह खत्म हो गई। यह सब करने के लिए यह खुद 2 महीने से ज्यादा तक बाहर जाकर अपनी कंपनी के बारे में जानकारी एकत्र करी। कंपनी में विभिन्नता लाने के लिए इन्होंने पेप्सी के साथ-साथ सेहत के समान जैस जूस ओट्स ड्राई फ्रूट आदि भी बनाने चालू कर दिए। देखते ही देखते उनकी कंपनी की सेल्स ग्रोथ और रेवन्यू बढ़ते ही चले गई।

pepsico के 42 साल के इतिहास में पांचवीं अध्यक्ष और सीईओ, Indra Nooyi सॉफ्ट-ड्रिंक और स्नैक-फूड दिग्गज का नेतृत्व करने वाली पहली महिला थीं और फॉर्च्यून 500 कंपनियों की केवल 11 महिला मुख्य कार्यकारी अधिकारियों में से एक थीं। नूई ने अक्टूबर 2006 में सीईओ का पद संभाला और अगले साल बोर्ड की अध्यक्ष भी बनीं।

CEO के तौर पर नियुक्ति

फिर भी विश्लेषकों ने अध्यक्ष के रूप में indra nooyi की नियुक्ति के समय पर आश्चर्य व्यक्त किया (उनके पूर्ववर्ती, स्टीवन रेइनमंड ने अचानक सेवानिवृत्त होने का निर्णय लेने से पहले सिर्फ पांच साल सेवा की थी), बहुत से लोगों ने उनके  कौशल की प्रशंसा की जो वह नौकरी में लाएंगे। indra nooyi जी ने पेप्सिको को एक संतुलित उपभोक्ता-उत्पाद कंपनी बनाने की रणनीति जारी रखी जो अपने प्रमुख शीतल पेय की बिक्री पर कम निर्भर थी, उन्होंने आक्रामक रूप से अंतर्राष्ट्रीय विस्तार भी किया। उनके नेतृत्व में, पेप्सिको का राजस्व 2006 में 35 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2017 में 63.5 बिलियन डॉलर हो गया। अगले वर्ष यह घोषणा की गई कि नूई अक्टूबर में सीईओ के रूप में और 2019 की शुरुआत में बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ देंगी।

Indra Nooyi Success story

Why is Indra Nooyi so famous 

दुनिया भर की दिग्गज कंपनियां में से एक पेप्सी को कंपनी को उसके सबसे बुरे दिनों से निकाल कर आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय Indra Nooyi जी को जाता है। बिज़नस लीडर और रणनीतिक विचारक Indra Nooyi जी को दुनिया की दिग्गज कपनियां मैं से ही एक pepsico का CEO के पद पर पूरे 12 साल तक रहने के लिए याद किया जाता है। कंपनी से रिजाइन देने के बाद अब ये अपना बाकी का बचा हुआ काम लोगो को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए गाइड करती हैं।

और उनकी इस सफलता का का राज इस प्रकार है, Indra Nooyi नव परावर्तन का समर्थन करती हैं, वह यह मांगती हैं की नाव परिवर्तन हमेशा कुछ गलतियों से ही शुरू होता है इसके लिए हमें इन गलतियों से डरना नहीं चाहिए हिम्मत से ईनका सामना करना चाहिए। उन्होंने एक बार कहा था कि यदि आप लोगों को असफल होने का मौका नहीं देंगे, तो कभी भी आपकुछ नया नहीं कर पायेंगे। 

how did indra nooyi motivated people

indra Nooyi की नेतृत्व शैली को समावेशिता और विविधता के प्रति प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित किया गया था। उनका मानना था की तुम यदि व्यक्ति को गलती करने का अवसर नहीं दोगे तो वह कभी अपनी लाइफ में आगे नहीं बढ़ सकता । उन्होंने पेप्सिको के भीतर विभिन्न दृष्टिकोणों को अपनाने और एक समावेशी संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। ओर उनकी यह रणनीति रंग लाई । नूई ने कंपनी के भीतर विविधता और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए खुले संवाद को प्रोत्साहित किया और कार्यक्रम स्थापित किए।लोगों के लिए इतना करके वह लोगों को भी यह सब समझ कर उन्हे motivated करती हैं । 

निष्कर्ष

इतना सब पढ़ने ओर समझने के बाद हमने यह जाना की Indra Nooyi जी Indra Nooyi नव परावर्तन का समर्थन करती हैं, वह यह मांगती हैं की नाव परिवर्तन हमेशा कुछ गलतियों से ही शुरू होता है इसके लिए हमें इन गलतियों से डरना नहीं चाहिए हिम्मत से ईनका सामना करना चाहिए। उन्होंने एक बार कहा था कि यदि आप लोगों को असफल होने का मौका नहीं देंगे, तो कभी भी आपकुछ नया नहीं कर पायेंगे। 

इनकी बुक My Life in full work, family and Our Future का प्रकासन 2021 में हुआ । इसी के साथ एसी ही जानकारी भारी पोस्ट के लिए आप हमारे whatsapp चैनल को जॉइन करके हुमसे जुड़ सकते हैं।  धन्यवाद | 

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